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Ganga Sahay Meena Books

 


  • आदिवासी चिंतन की भूमिका यह पुस्तक आदिवासी चेतना, संस्कृति और साहित्य के वैचारिक आधारों की पड़ताल करती है। इसमें आदिवासी समाज की ऐतिहासिक और सामाजिक स्थिति, उनकी अस्मिता, और साहित्य में उनकी अभिव्यक्ति पर विचार किया गया है। यह पुस्तक आदिवासी साहित्य के अध्ययन के लिए एक आधारभूत कृति मानी जाती है।
  • आदिवासी और हिंदी उपन्यास: अस्मिता और अस्तित्व का संघर्ष इस पुस्तक में हिंदी उपन्यासों में आदिवासी समाज के चित्रण, उनकी अस्मिता और अस्तित्व के संघर्ष को विश्लेषित किया गया है। पुस्‍तक की आधार सामग्री राजस्‍थान के आदिवासियों पर लिखित उपन्‍यासों पर केन्द्रित है। यह पुस्‍तक आदिवासी साहित्य के संदर्भ में हिंदी साहित्य की मुख्यधारा और उसकी सीमाओं पर एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
  • आदिवासी साहित्य विमर्श (सं): यह एक संपादित पुस्‍तक है जिसमें आदिवासी साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर इस क्षेत्र में काम करने वाले सभी महत्त्‍वपूर्ण विद्वानों के आलोचनात्‍मक लेख शामिल हैं। गंगा सहाय मीणा ने इस पुस्तक में आदिवासी साहित्य की वैचारिकी और इसके सामाजिक- सांस्कृतिक महत्व को उजागर करने का प्रयास किया है।
  • बालकृष्‍ण भट्ट : रचना-संचयन साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित एक महत्वपूर्ण संकलन है, जिसमें नवजागरण के अग्रदूत और हिंदी साहित्य के प्रमुख रचनाकार बालकृष्ण भट्ट की प्रतिनिधि रचनाओं को संकलित किया गया है। यह संकलन उनके साहित्यिक योगदान को समझने और उनकी रचनाओं के विभिन्न आयामों को एक स्थान पर देखने के लिए एक उत्कृष्ट स्रोत है। इस संकलन का उद्देश्य बालकृष्ण भट्ट की विविध रचनाओं को एकत्रित कर हिंदी साहित्य के पाठकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए सुलभ बनाना है। यह उनकी निबंध, उपन्यास, नाटक और अन्य रचनाओं के महत्वपूर्ण अंशों को समेटता है।
  • Sociology of Translation गंगा सहाय मीणा और जोशिल के. अब्राहम द्वारा अनूदित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो मूल रूप से डॉ. सूर्यनारायण रानसुभे द्वारा हिंदी में लिखित पुस्तक अनुवाद का समाजशास्त्र का अंग्रेजी अनुवाद है। यह पुस्तक अनुवाद के सामाजिक, सांस्कृतिक और वैचारिक आयामों की गहन पड़ताल करती है, विशेष रूप से भारतीय संदर्भ में, जहाँ जाति-आधारित समाज की जटिलताएँ अनुवाद की प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं।
  • भाई तू लाहौर देखने आना यह रामेसर गोदारा के राजस्थानी कहानी संग्रह का हिन्दी अनुवाद है।
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    Intro

    Ganga Sahay Meena is an academician , motivational speaker   and founder editor of   Adivasi Sahitya   magazine. He is also known for his editorial articles   published in various newspapers and his participation in news debates in various news channels. Early Life Ganga Sahay Meena was born in Sewa village of Sawai Madhopur district of Rajasthan. He did his Master's, M.Phil. and Ph.D. from Jawaharlal Nehru University, New Delhi after completing his initial education at local schools and colleges. Teaching Ganga Sahay Meena has been a faculty member at Jawaharlal Nehru University since April 2007, after teaching at Delhi University and Pondicherry University. He is currently an Associate Professor at the Center for Indian Languages, JNU. He has been appointed as a member of the JNU Academic Council and JNU Court. He is a member of the Board of Studies, School of Languages, Literature and Culture Studies, JNU. He also served as Visiting Professor at Ankara University,...

    आदिवासी चिंतन की भूमिका